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सलाहकार निकाय

अखिल भारतीय विद्युतकरघा बोर्ड (एआईपीबी)

भारत सरकार के सलाहकार बोर्ड के रूप में अखिल भारतीय विद्युतकरघा बोर्ड का गठन बेहतर उत्‍पादकता, कार्यकुशलता बढ़ाने, कामगारों और अलग-अगल स्‍थानों पर कार्य कर रहे विद्युतकरघों कार्यों में सुधार करने के लिए किए जाने वाले उपायों सहित बिजली से प्रचालित बुनकरी क्षेत्र के अंदर विद्युतकरघों के स्‍वस्‍थ विकास से संबंधित मामलों पर सामान्‍य रूप से सरकार को सलाह देने के उद्देश्‍य से नवम्‍बर, 1981 में किया गया था। भारत सरकार समय-समय पर एआईपीबी का पुनर्गठन करती है।

मौजूदा एआईपीबी का पुनर्गठन दिनांक 23.12.2013 की अधिसूचना सं. 8/8/2007-पीएल के तहत दो वर्ष की अवधि के लिए किया गया था। इसमें केंद्र और राज्‍य सरकारों, विद्युतकरघा परिसंघों, विद्युतकरघा संघ, वस्‍त्र उद्योग के प्रतिनिधि इसके सदस्‍य के रूप में हैं और इसके अध्‍यक्ष माननीय केंद्रीय वस्‍त्र मंत्री हैं।


अखिल भारतीय हथकरघा बोर्ड (एआईएचबी)

केंद्रीय वस्‍त्र मंत्री की अध्‍यक्षता में हथकरघा क्षेत्र के समग्र विकास के लिए नीति तैयार करने में सरकार को सलाह देने के उद्देश्‍य से अखिल भारतीय हथकरघा बोर्ड का गठन 23 जनवरी, 1992 को किया गया था जिसमें केंद्र और राज्‍य सरकारों से सरकारी सदस्‍य और हथकरघा उद्योग से गैर-सरकारी सदस्‍य होते हैं। इसके बाद समय-समय पर अखिल भारतीय हथकरघा बोर्ड का पुनर्गठन किया गया है। मौजूदा एआईएचबी का पुनर्गठन दिनांक 2 जनवरी, 2014 की अधिसूचना सं. 1/27/2011-डीसीएच/समन्‍वय/एआईएचबी के तहत दो वर्ष के लिए किया गया है। पुनर्गठित अखिल भारतीय हथकरघा बोर्ड की पहली बैठक माननीय वस्‍त्र मंत्री की अध्‍यक्षता में दिनांक 17 फरवरी, 2014 को नई दिल्‍ली में हुई थी।


अखिल भारतीय हस्‍तशिल्‍प बोर्ड (एआईएचबी)

अखिल भारतीय हस्‍तशिल्‍प बोर्ड वस्‍त्र मंत्री की अध्‍यक्षता में एक सलाहकार बोर्ड है। बोर्ड का पुनर्गठन दिनांक 27.12.2013 के इस कार्यालय की अधिसूचना सं. के-12012/5/2013-प्‍लानिंग के तहत दो वर्ष की अवधि के लिए किया गया था। बोर्ड के वर्तमान सदस्‍यों की संख्‍या 114 है जिसमें अध्‍यक्ष, सह-अ‍ध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष, 14 सरकारी सदस्‍य, सदस्‍य सचिव सहित 8 संस्‍थागत सदस्‍य और 88 गैर-सरकारी सदस्‍य हैं। यह सामाजिक, आर्थिक, सांस्‍कृतिक और कलात्‍मक दृष्टिकोण से हस्‍तशिल्‍प क्षेत्र के समग्र विकास कार्यक्रम तैयार करने में सरकार को सलाह देता है।


कपास सलाहकार बोर्ड (सीएबी)

वस्‍त्र मंत्रालय ने दिनांक 09.01.2013 के संकल्‍प सं. 1/7/2012-कॉटन के तहत कपास सलाहकार बोर्ड (सीएबी) का पुनर्गठन 01.01.2013 से प्रभावी दो वर्ष की अवधि के लिए किया। पुनर्गठित सीएबी में दो स्‍तरीय समिति अर्थात्‍ परामर्शदात्री समिति और मुख्‍य समिति है। परामर्शदात्री समिति में केंद्रीय सरकार, राज्‍य सरकारों, वस्‍त्र उद्योग, कपास व्‍यापार, जिनिंग और प्रेसिंग क्षेत्र के प्रतिनिधि और नामित किए गए दूसरे सदस्‍य होते हैं। समिति में अब कुल 52 सदस्‍य हैं। परामर्शदात्री समिति कपास उत्‍पादन, उपयोग, आयात और निर्यात के अनुमान संबंधी जानकारी प्रदान करती है। इसके बाद उक्‍त जानकारी मुख्‍य समिति के सामने पेश की जाती है। मुख्‍य समिति में केंद्रीय सरकार, राज्‍य सरकारों, राजय सरकारी कपास उत्‍पादक विपणन परिसंघ और कपास अनुसंधान तथा विकास के प्रतिनिधि होते हैं और समिति में कुल 18 सदस्‍य हैं। मुख्‍य समिति, परामर्शदात्री समिति द्वारा पेश की गई जानकारी पर विचार करती है और राज्‍य-वार क्षेत्र तथा उत्‍पादन के संबंध में निर्णय लेती है और कपास तुलन पत्र तैयार करती है।


कपास यार्न सलाहकार बोर्ड

मूल रूप से सिम्‍बर, 2010 में कपास सलाहकार बोर्ड का गठन किया गया था और दिनांक 25 जून, 2012 को अधिसूचना के तह अंतिम बार इसका पुनर्गठन दो वर्ष की अवधि के लिए किया गया था और दिनांक 30 जून, 2014 तक इसकी समयावधि बढ़ाई गई थी तथा फिर दिनांक 6 अगस्‍त, 2014 की इस मंत्रालय की अधिसूचना सं. 9/4/2010-टीयूएफएस के तहत इसका पुनर्गठन किया गया है।


पटसन सलाहकार बोर्ड

सचिव (वस्‍त्र) की अध्‍यक्षता वाला पटसन सलाहकार बोर्ड, सामान्‍यत: पटसन और मेस्‍ता के उत्‍पादन अनुमानों सहित पटसन और पटसन टेक्‍सटाइल्‍स कंट्रोल आदेश-2000 के क्षेत्राधिकार में आने वाले पटसन से संबंधित मामलों पर सरकार को सलाह देता है। बोर्ड का पुनर्गठन दिनांक 23.06.2014 को दो वर्ष की अवधि के लिए किया गया है।

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